भूकंप और सुनामी से हिली दुनिया: रूस के पूर्वी छोर से उठी तबाही की लहरेभूकंप और सुनामी से हिली दुनिया: रूस के पूर्वी छोर से उठी तबाही की लहरे
30 जुलाई 2025 | विशेष संवाददाता | अशोक कुमार सिंह | रूस के कामचटका प्रायद्वीप में मंगलवार तड़के आए 8.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने पूरी दुनिया को दहला दिया। बीते 70 वर्षों में इस क्षेत्र में आया यह सबसे भीषण भूकंप था। इसकी गहराई महज 19 किलोमीटर रही, जिसने सुनामी के खतरे को और भी बढ़ा दिया। इसके तुरंत बाद जापान, अमेरिका, हवाई, अलास्का और प्रशांत द्वीपों तक सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई।
सुनामी की चेतावनी: थमीं दुनिया की सांसें
भूकंप के कुछ ही मिनटों में समुद्र ने विकराल रूप ले लिया। कामचटका के सेवेरो-कुरील्स्क शहर में चार मीटर ऊँची लहरों ने तटीय इलाकों को जलमग्न कर दिया। घर, दुकानें, नावें और सड़क मार्ग भारी नुकसान से जूझ रहे हैं। बिजली और संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। जापान में हालात सबसे अधिक गंभीर रहे। सरकार ने तत्काल चेतावनी जारी कर करीब 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। फुकुशिमा और ओनागावा परमाणु संयंत्रों की गतिविधियों को एहतियातन सीमित कर दिया गया और हालात पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है|
अमेरिका और हवाई में अलर्ट
अमेरिका के पश्चिमी तट, अलास्का और हवाई में भी उच्चस्तरीय अलर्ट घोषित किया गया। हवाई के होनोलूलू, माउई और काउई द्वीपों पर 4 से 6 फीट ऊँची तरंगें दर्ज की गईं। कैलिफोर्निया और ओरेगन राज्यों के तटीय इलाकों में आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए। अलास्का के कई इलाकों में स्कूल और बाजार बंद रखे गए। बाद में स्थिति सामान्य होने पर चेतावनियाँ वापस ले ली गईं।
अस्पतालों में अद्भुत साहस का परिचय
भूकंप के दौरान रूस के एक अस्पताल में चल रही सर्जरी का दृश्य पूरी दुनिया को प्रेरित कर गया। दीवारें हिल रही थीं, ऑपरेशन थियेटर में उपकरण कांप रहे थे, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन रोकने के बजाय निडरता से मरीज की जान बचाने का काम जारी रखा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोग उन्हें “धरती के सच्चे योद्धा” कहकर सम्मानित कर रहे हैं।
ज्वालामुखी भी हुआ सक्रिय
भूकंप के तुरंत बाद कामचटका क्षेत्र का Klyuchevskoy ज्वालामुखी सक्रिय हो गया। इसके मुंह से लावा निकलने लगा, जिसने भय और दहशत को और बढ़ा दिया। हालांकि रूस के आपदा प्रबंधन दलों ने तेजी से हालात को काबू में किया।
वैश्विक चेतावनी और आपदा प्रबंधन की तत्परता
यह भूकंप इतिहास के आठ सबसे भीषण भूकंपों में गिना जाएगा। वैज्ञानिकों और प्रशासनिक संस्थाओं की त्वरित प्रतिक्रिया तथा सुनामी चेतावनी प्रणालियों की सक्रियता के कारण बड़े पैमाने पर जनहानि टल गई। अब तक किसी भी देश में मौतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन भौतिक नुकसान और मानसिक आघात बेहद गहरे हैं।
इस आपदा ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि प्रकृति के सामने तकनीक भी समय मांगती है। फिर भी, यदि तैयारी और सतर्कता हो तो तबाही को काफी हद तक टाला जा सकता है। रूस, जापान और अमेरिका सहित कई देशों की त्वरित कार्रवाई और आपसी सहयोग ने इस आपदा को एक संभावित वैश्विक त्रासदी बनने से बचा लिया।