√ “ये दिल मांगे मोर…” आज भी है वीरता की गूंज।
“हिन्द सागर प्रालोका ब्यूरो,,नई दिल्ली, जुलाई 2025 | कारगिल विजय दिवस पर देश शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा को श्रद्धा व सम्मान के साथ नमन कर रहा है। उनका प्रसिद्ध उद्घोष “ये दिल मांगे मोर…” आज भी साहस और देशभक्ति की प्रतीक वाणी बना हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में जन्मे कैप्टन बत्रा, 13 जैक राइफल्स के अधिकारी थे। कारगिल युद्ध में उन्होंने प्वाइंट 5140 और 4875 पर दुश्मन के कब्जे वाले क्षेत्रों को मुक्त कराने में निर्णायक भूमिका निभाई। अपने साथियों की जान बचाते हुए अद्भुत वीरता का परिचय दिया और वीरगति को प्राप्त हुए।
उनकी शहादत के सम्मान में उन्हें मरणोपरांत परम वीर चक्र से नवाज़ा गया। सेना में उन्हें ‘शेरशाह’ के नाम से जाना जाता था। उनकी स्मृति में कारगिल की एक चोटी का नाम ‘बत्रा टॉप’ रखा गया है।
कैप्टन बत्रा की वीरगाथा पर आधारित फिल्म ‘शेरशाह’ ने उन्हें नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बना दिया है।
“या तो तिरंगा लहराकर आऊंगा, या उसमें लिपटकर” — उनका यह वचन आज भी हर भारतीय के हृदय में जज़्बा भरता है।
शहीद को शत-शत नमन।