हिन्द सागर प्रालोका,1 जुलाई 2025 से दो महत्त्वपूर्ण निर्णय देशभर में लागू हो गए—रेलवे किराया वृद्धि और आधार आधारित पहचान की अनिवार्यता। दोनों ही फैसले प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता की दिशा में महत्त्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
रेलवे किराया: सीमित वृद्धि, बड़ा लक्ष्य
पांच वर्षों में पहली बार रेलवे ने लंबी दूरी की श्रेणियों (स्लीपर से लेकर फर्स्ट एसी तक) में किराया बढ़ाया है। उपनगरीय यात्रियों और मासिक पास पर कोई असर नहीं डाला गया है। रेलवे का दावा है कि यह वृद्धि आधुनिक सुविधाओं, बेहतर सुरक्षा और सेवा सुधार के लिए ज़रूरी है। अनुमान है कि इससे सालाना ₹2,500 करोड़ अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
आधार आधारित पहचान
पारदर्शिता की ओर कड़ा क़दम अब नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, IRCTC और आरक्षण केंद्रों से तत्काल टिकट बुक करने के लिए आधार और OTP प्रमाणीकरण ज़रूरी होगा। यह निर्णय फर्जी पैन रोकने और टिकटों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए लिया गया है।
नागरिकों को केंद्र में रखकर हो क्रियान्वयन
ये फैसले डिजिटल ट्रस्ट और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा देंगे, लेकिन इनका लाभ तभी मिलेगा जब तकनीकी व्यवस्था भरोसेमंद और सर्वसुलभ हो। पारदर्शिता और सेवा सुधार तभी सार्थक हैं जब हर नागरिक को उसका वास्तविक लाभ मिले।