हिन्द सागर प्रलोका, जीएनएस एजेंसी (उत्तर प्रदेश) लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
राजधानी लखनऊ स्थित लूलू मॉल एक बार फिर गंभीर विवादों में घिर गया है। मॉल के सीनियर कैश सुपरवाइज़र मोहम्मद फरहाज उर्फ़ फ़राज़ को पुलिस ने एक महिला कर्मचारी से दुष्कर्म, ब्लैकमेल और मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह मामला सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज किया गया है और जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
पीड़िता की आपबीती:
20 वर्षीय महिला कर्मचारी ने दर्ज कराई शिकायत में आरोप लगाया है कि मॉल में नौकरी के दौरान फ़राज़ ने उसे धीरे-धीरे विश्वास में लिया और एक दिन कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, उसने इस कृत्य का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर धन और आभूषण ऐंठने शुरू किए।
जब पीड़िता ने उसका विरोध किया, तो आरोपी ने शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। वह उसे सिगरेट से जलाता था, गाली-गलौज करता, और कई बार मारपीट भी करता था। डर और धमकियों के चलते युवती मानसिक रूप से टूट चुकी थी और आखिरकार उसने साहस जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई:
एफआईआर दर्ज होते ही लखनऊ पुलिस ने फराज़ को गिरफ्तार कर लिया और अब उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 323 (मारपीट), 506 (धमकी) व 328 (जहर देकर अपराध) के तहत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह एक सुनियोजित ब्लैकमेलिंग रैकेट का हिस्सा था या कोई व्यक्तिगत अपराध।
लूलू मॉल पर पहले से भी विवाद:
गौरतलब है कि लूलू मॉल पहले भी कई सामाजिक और धार्मिक विवादों में घिर चुका है। कुछ राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने यह आरोप लगाया है कि मॉल में 95% से अधिक पुरुष कर्मचारी मुस्लिम समुदाय से हैं, जबकि 90% से अधिक महिला कर्मचारी हिंदू समुदाय से आती हैं। सोशल मीडिया पर यह भी आशंका जताई जा रही है कि मॉल एक ‘साजिश’ का हिस्सा है और यहां काम करने वाली लड़कियों को बाद में खाड़ी देशों में भेजने की कोशिश की जाती है — हालांकि इन दावों की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
मॉल प्रशासन की चुप्पी:
अब तक लूलू मॉल प्रबंधन की ओर से इस गंभीर घटना पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। मॉल के सुरक्षा प्रबंधन और आंतरिक संचालन को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि एक हाई-प्रोफाइल मॉल में ऐसा कृत्य इतने लंबे समय तक कैसे चलता रहा और किसी को भनक तक क्यों नहीं लगी?
यह घटना न केवल लूलू मॉल की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है, बल्कि पूरे कॉर्पोरेट कार्यस्थलों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं भी उजागर करती है।
महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर तीव्र नाराज़गी व्यक्त करते हुए सरकार से मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच हो, और पीड़िता को न्याय मिले।
लूलू मॉल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अब अपनी आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली और सुरक्षा उपायों पर पुनः विचार करना होगा।