विशेष संवाददाता विपिन कुमार जैन | बसवनगुडी दादावाड़ी, बैंगलोर |
श्री जिन कुशल सूरी जैन दादावाड़ी ट्रस्ट, बसवनगुडी, बैंगलोर के तत्वावधान में चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य मलयप्रभ सागर जी म.सा. आदि ठाणा एवं साध्वी श्री हर्षपूर्णा श्री जी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में एक सहस्त्राब्दी से अधिक प्राचीन गच्छ खरतरगच्छ दिवस का आयोजन भव्यता से संपन्न हुआ।
दादावाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष तेजराज मालानी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हमारा गच्छ सभी गच्छों में सबसे प्राचीन है और इसकी परंपरा एक हजार सात वर्षों से अखंड रूप से चल रही है। महामंत्री कुशलराज गुलेच्छा ने गच्छ के पूर्वजों द्वारा दिए गए अमूल्य बलिदानों को याद करने और उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।
पूज्य गुरुदेव मलयप्रभ सागर जी म.सा. ने वंदनावली कार्यक्रम में एक हजार वर्ष पूर्व के जिनेश्वर सूरी जी से लेकर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री मणिप्रभ सूरीश्वर जी महाराजा तक के आचार्यों की परंपरा पर प्रकाश डाला। गुरुवर्या साध्वी श्री हर्षपूर्णा श्री जी म.सा. ने कहा कि हमें अपने गच्छ की गौरवशाली परंपरा पर गर्व होना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए।
संघवी तेजराज गुलेच्छा ने भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों को और भी बड़े स्तर पर आयोजित करने का निवेदन किया। ट्रस्ट प्रवक्ता अरविन्द कोठारी ने तन, मन और धन से गच्छ के प्रति पूर्ण समर्पण की प्रेरणा दी।
ट्रस्ट के सदस्य ललित डाकलिया ने गच्छ के नवरत्न श्रावकों – सेठ आबू भन्साली, हाथीशाह लुनिया, थाहरुशाह भन्साली, करमचंद बच्छावत, जोरावरमल बाफना, मोतीशाह नाहटा, अमरचंद बांठिया, रायबहादुर बद्रीदास, अगरचंद और भंवरलाल नाहटा – के समर्पण और बलिदानों को याद किया। इन विभूतियों की भूमिका अंकित गुलेच्छा, विकास खटोड़, ललित डाकलिया, भरत रांका, विनोद बाफना, भरत कोठारी, हेमन्त गुलेच्छा, विजयराज गुलेच्छा और हेमन्त प्रशांत कवाड़ ने जीवंत रूप से प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के सफल संचालन में नीलेश मेहता, भरत गटागट, तेजस छाजेड़, विनोद बाफना सहित अनेक सदस्यों का विशेष योगदान रहा।
संक्षिप्त झलक – खरतरगच्छ दिवस: बैंगलोर के बसवनगुडी स्थित श्री जिन कुशल सूरी जैन दादावाड़ी ट्रस्ट में सहस्त्राब्दी से अधिक प्राचीन गच्छ खरतरगच्छ दिवस का आयोजन अत्यंत भव्यता और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। पूज्य मलयप्रभ सागर जी म.सा. आदि ठाणा एवं साध्वी श्री हर्षपूर्णा श्री जी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में आयोजित इस कार्यक्रम में बैंगलोर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
वंदनावली कार्यक्रम में गुरुदेवों ने एक हजार सात वर्ष पूर्व के जिनेश्वर सूरी जी से लेकर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री मणिप्रभ सूरीश्वर जी महाराजा तक की गौरवशाली परंपरा पर प्रकाश डाला। गच्छ नवरत्न श्रावकों – सेठ आबू भन्साली, हाथीशाह लुनिया, अमरचंद बांठिया जैसे महापुरुषों के बलिदानों और समर्पण का जीवंत चित्रण किया गया।
इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष तेजराज मालानी एवं महामंत्री कुशलराज गुलेच्छा ने समाज को गच्छ की परंपरा से जुड़े रहने और बलिदानों को याद रखने का आह्वान किया। ट्रस्ट प्रवक्ता अरविन्द कोठारी ने तन, मन और धन से गच्छ के प्रति समर्पण की प्रेरणा दी। श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया।