भारत ने GM फूड और टैरिफ मांग को किया खारिज अंतरराष्ट्रीय व्यापार समाचार | हिन्द सागर — प्रहरी लोकतंत्र का 📅 दिनांक: 24 जून, 2025 | एजेंसी समाचार, नई दिल्ली/वाशिंगटन: भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते पर संशय गहराता जा रहा है। इसकी प्रमुख वजह अमेरिका की आक्रामक व्यापारिक मांगें और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान के प्रति जताया गया प्रेम मानी जा रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका ने भारत से मक्का, सोयाबीन सहित अन्य कृषि उत्पादों पर टैरिफ में कटौती और जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) फूड्स के आयात की अनुमति की मांग की है। भारत ने इस मांग का कड़ा विरोध किया है, जिसे देश की खाद्य सुरक्षा और किसानों की आजीविका के लिए खतरा बताया गया है।
ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम
अभी कुछ ही दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को निजी लंच पर आमंत्रित किया था। इस दौरान ट्रंप ने खुलेआम कहा कि “मैं पाकिस्तान से बहुत प्यार करता हूं,” और उन्होंने यह भी घोषणा की कि अमेरिका निकट भविष्य में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के साथ व्यापारिक समझौते करने वाला है।
भारत का सख्त रुख
भारतीय अधिकारियों ने अमेरिकी प्रस्तावों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया है। भारत का तर्क है कि: GM फूड्स के आयात से स्थानीय कृषि और पारंपरिक बीज व्यवस्था को खतरा है। कम टैरिफ की अनुमति देना भारत के छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका पर सीधा प्रहार होगा। भारत किसी भी व्यापारिक समझौते में राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा।
समझौते पर संकट
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत कई महीनों से चल रही थी। लेकिन इन ताजा घटनाओं के चलते यह समझौता अधर में लटकता दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि: “अगर अमेरिका ने अपनी मांगों में नरमी नहीं दिखाई, तो यह डील लंबी खिंच सकती है या फिर पूरी तरह ठंडे बस्ते में जा सकती है।”
भारत की स्पष्ट रणनीति है— राष्ट्रहित पहले।
जहाँ अमेरिका एक ओर पाकिस्तान को गले लगाता है और दूसरी ओर भारत पर दबाव बनाता है, वहाँ भारत का संतुलित और ठोस रुख यह दर्शाता है कि वह अब किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर अपने किसानों, खाद्य सुरक्षा और घरेलू नीतियों के साथ समझौता नहीं करेगा।
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