नागपुर, 18 मई 2025 — केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नागपुर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत आयोजित कृषि संवाद कार्यक्रम में भाग लिया और किसानों को संबोधित किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, केंद्रीय मंत्री अशिष जायसवाल, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जात सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि अब कृषि मंत्रालय “एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम” के दृष्टिकोण से कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें, वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारी और किसान मिलकर एकजुटता से कार्य करेंगे, तभी कृषि क्षेत्र में चमत्कार संभव है।
इस मौके पर चौहान ने राष्ट्रीय मृदा स्पेक्ट्रल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया, जिससे महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है जिसके पास अपनी वैज्ञानिक मृदा मानचित्र प्रणाली है। इस तकनीक के माध्यम से मृदा की pH, घनत्व और तत्वीय संरचना का विश्लेषण किया जा सकेगा।
इसके साथ ही, उन्होंने पुणे में “क्लीन प्लांट प्रोग्राम” के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला स्थापित करने की भी घोषणा की, जो मूल पौध प्रजातियों पर अनुसंधान करेगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि अच्छी फसल के लिए शुद्ध बीज, मृदा परीक्षण और उत्पादन लागत में कमी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने किसानों को गुणवत्ता परक खेती की ओर प्रेरित किया।
कार्यक्रम में विदर्भ क्षेत्र के उन किसानों को सम्मानित किया गया जो प्राकृतिक खेती, जैविक खेती और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।
पी आई बी के अनुसार उन्होंने जानकारी दी कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की देशभर में 113 संस्थाएं हैं, जिनमें से 11 महाराष्ट्र में स्थित हैं। आगामी दिनों में नागपुर स्थित राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो (NBSS & LUP) में सभी ICAR संस्थानों के प्रमुखों की बैठक आयोजित की जाएगी।
कृषि वैज्ञानिकों की टीम 29 मई से 12 जून तक गांवों का दौरा कर किसानों को खरीफ मौसम की तैयारियों और टिकाऊ कृषि तकनीकों पर मार्गदर्शन देगी। साथ ही, कपास की फसल पर हमला करने वाले गुलाबी सुंडी की निगरानी के लिए AI आधारित “स्मार्ट ट्रैप टेक्नोलॉजी” का शुभारंभ भी किया गया।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कार्यक्रम में वैनगंगा-नालगंगा नदी जोड़ो परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इससे विदर्भ क्षेत्र की सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
राज्य कृषि मंत्री श्री कोकाटे ने कहा कि कपास की तुड़ाई के लिए श्रमिकों की कमी एक बड़ी चुनौती बन रही है, जिसे हल करने हेतु बैटरी चालित छोटे ट्रैक्टरों पर अनुसंधान जारी है।
यह कार्यक्रम नागपुर “एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम” के संकल्प के साथ नागपुर में कृषि संवाद आयोजित
हिन्द सागर प्रलोका सम्वाददाता अनीता लोहानी
नागपुर, 18 मई 2025 — केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नागपुर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत आयोजित कृषि संवाद कार्यक्रम में भाग लिया और किसानों को संबोधित किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य कृषि मंत्री श्री माणिकराव कोकाटे, केंद्रीय मंत्री श्री अशिष जायसवाल, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जात सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि अब कृषि मंत्रालय “एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम” के दृष्टिकोण से कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें, वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारी और किसान मिलकर एकजुटता से कार्य करेंगे, तभी कृषि क्षेत्र में चमत्कार संभव है।
इस मौके पर श्री चौहान ने राष्ट्रीय मृदा स्पेक्ट्रल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया, जिससे महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है जिसके पास अपनी वैज्ञानिक मृदा मानचित्र प्रणाली है। इस तकनीक के माध्यम से मृदा की pH, घनत्व और तत्वीय संरचना का विश्लेषण किया जा सकेगा।
इसके साथ ही, उन्होंने पुणे में “क्लीन प्लांट प्रोग्राम” के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला स्थापित करने की भी घोषणा की, जो मूल पौध प्रजातियों पर अनुसंधान करेगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि अच्छी फसल के लिए शुद्ध बीज, मृदा परीक्षण और उत्पादन लागत में कमी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने किसानों को गुणवत्ता परक खेती की ओर प्रेरित किया।
कार्यक्रम में विदर्भ क्षेत्र के उन किसानों को सम्मानित किया गया जो प्राकृतिक खेती, जैविक खेती और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।
पी आई बी के अनुसार उन्होंने जानकारी दी कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की देशभर में 113 संस्थाएं हैं, जिनमें से 11 महाराष्ट्र में स्थित हैं। आगामी दिनों में नागपुर स्थित राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो (NBSS & LUP) में सभी ICAR संस्थानों के प्रमुखों की बैठक आयोजित की जाएगी।
कृषि वैज्ञानिकों की टीम 29 मई से 12 जून तक गांवों का दौरा कर किसानों को खरीफ मौसम की तैयारियों और टिकाऊ कृषि तकनीकों पर मार्गदर्शन देगी। साथ ही, कपास की फसल पर हमला करने वाले गुलाबी सुंडी की निगरानी के लिए AI आधारित “स्मार्ट ट्रैप टेक्नोलॉजी” का शुभारंभ भी किया गया।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कार्यक्रम में वैनगंगा-नालगंगा नदी जोड़ो परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इससे विदर्भ क्षेत्र की सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
राज्य कृषि मंत्री श्री कोकाटे ने कहा कि कपास की तुड़ाई के लिए श्रमिकों की कमी एक बड़ी चुनौती बन रही है, जिसे हल करने हेतु बैटरी चालित छोटे ट्रैक्टरों पर अनुसंधान जारी है। यह कार्यक्रम नागपुर संभाग के किसानों और कृषि अधिकारियों की भारी उपस्थिति में संपन्न हुआ।