हिन्द सागर प्रालोका। लखनऊ संवाददाता विनीत शर्मा।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर, 2024 से आरंभ होगा। यह सत्र विधान भवन में सुबह 11 बजे शुरू होगा और करीब चार से पांच दिनों तक चलेगा। सत्र के दौरान राज्य सरकार द्वारा वित्तीय मामलों के लिए अनुपूरक बजट पेश किए जाने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण विधेयकों और अध्यादेशों पर चर्चा होने की संभावना है।
संभल हिंसा बनेगा प्रमुख मुद्दा
इस सत्र में विपक्ष द्वारा हाल ही में संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा को प्रमुख मुद्दा बनाए जाने की संभावना है। इस घटना में पांच लोगों की मौत हुई थी, और इसके बाद राजनीतिक दलों के बीच जबरदस्त बयानबाजी हुई। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी सरकार पर कानून-व्यवस्था में विफलता का आरोप लगाते हुए इस विषय पर सदन में हंगामा करने की तैयारी में हैं।
अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे
चुनावी मौसम का प्रभाव: आगामी 2024 लोकसभा चुनावों से पहले यह सत्र राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होगा। सरकार और विपक्ष दोनों अपने राजनीतिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
विधेयक और विकास योजनाएं: सत्र के दौरान सरकार कई नए विधेयक पेश कर सकती है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी।
बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न: विधानसभा में अंतर्राष्ट्रीय मामलों को लेकर भी चर्चा हो सकती है, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मुद्दे को प्रमुखता मिल सकती है।
राजनीतिक गरमा-गर्मी की संभावना
राज्य में राजनीतिक वातावरण इस सत्र में और भी गरमा सकता है। विपक्ष ने सरकार की आलोचना को लेकर व्यापक तैयारी की है, वहीं, सरकार अपने विकास एजेंडे और कानून-व्यवस्था में सुधार को लेकर अपना रुख मजबूती से पेश करेगी। क्या कहते हैं विशेषज्ञ… विशेषज्ञों का मानना है कि यह सत्र मुख्य रूप से चुनावी मुद्दों के लिए एक मंच के रूप में उपयोग किया जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार और विपक्ष दोनों इस सत्र का उपयोग जनता को प्रभावित करने के लिए करेंगे।
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