अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो, विशेष रिपोर्ट वॉशिंगटन/तेहरान। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के एक करीबी सलाहकार द्वारा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या को लेकर दिया गया विवादास्पद बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नया भूचाल बनकर उभरा है। इस बयान में ट्रंप को “माइक्रो ड्रोन” हमले का लक्ष्य बनाने की धमकी दी गई है, जिससे अमेरिका में सुरक्षा एजेंसियों के बीच अलर्ट जारी कर दिया गया है।
क्या है मामला?
ईरान के पूर्व न्यायाधीश और खामेनेई के सलाहकार मोहम्मद-जावेद लारिज़ियानी ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि “जब ट्रंप फ्लोरिडा के मर-ए-लागो में धूप सेंक रहे होंगे, तब एक छोटा ड्रोन उनकी नाभि पर हमला कर सकता है।” उन्होंने यह बात अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंध और आक्रामक कार्रवाई की प्रतिक्रिया में कही।
ट्रंप की प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने इस धमकी को हल्के में लेते हुए बयान दिया, “मैं सूर्यस्नान में ज़्यादा रुचि नहीं रखता… शायद जब मैं 8 साल का था तब ऐसा किया था।” हालांकि उन्होंने इसे मजाक में टालने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने इसे गंभीरता से लिया है।
अमेरिका में सुरक्षा सख्त
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी और एफबीआई ने संभावित आतंकी गतिविधियों को लेकर विशेष अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से “स्लीपर सेल्स” (चुपचाप सक्रिय आतंकवादी इकाइयाँ) को लेकर अमेरिकी एजेंसियों ने निगरानी बढ़ा दी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह धमकी सिर्फ बयान नहीं, बल्कि ईरान की नई रणनीतिक चेतावनी हो सकती है।
परमाणु नीति और तनाव
हाल ही में ट्रंप ने इजरायल के समर्थन में ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर संभावित हमले की बात कही थी। इसके बाद ही ईरानी पक्ष से यह कटु प्रतिक्रिया सामने आई। ईरान पहले भी अमेरिकी नीतियों को लेकर तीखा विरोध प्रकट करता रहा है, लेकिन इस बार भाषा और रणनीति कहीं अधिक सीधी और आक्रामक दिखाई दे रही है।
अंतरराष्ट्रीय चिंता
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने इस प्रकरण को लेकर चिंता जताई है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसे बयान और जवाबी प्रतिक्रिया बढ़ती रही, तो पश्चिम एशिया में एक और बड़ी भू-राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है।